GMOU की बसों में यात्रा करना कितना सुरक्षित, कई बसों में जीवन को हर पल बना है खतरा
गढवाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन GMOU के मोटर मालिकों ने 15 वर्ष की अवधि पूर्ण करने वाले वाहनों को संचालन से बाहर करने के आदेश पर नाराजगी जताई है। कल गाड़ी मालिकों ने इस संबंध में एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी के माध्यम से डीएम पौड़ी को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर 10 सितंबर से जीएमओयू कार्यालय में धरना-प्रदर्शन शुरू करने और 11 सितंबर को जीएमओयू में चक्काजाम करने की चेतावनी दी है। शनिवार को एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि वह सभी गाड़ी मालिक व स्वयं चालक भी हैं। कंपनी ने 15 वर्ष पूर्ण करने वाले वाहनों को संचालन से बाहर कर दिया है, जबकि सरकार की ओर से रखरखाव के आधार पर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। दरअसल GMOU की बसों में हादसे होने का कारण गाड़ी मालिकों की इसी तरह की मनमानी है। 15 साल पुराने वाहन पहाड़ पर चलाना कभी भी यात्रियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते है, फिटनेस का हवाला देकर 15 साल पुराने वाहनों को पहाड़ पर चलाने के सच तो ये है परिवहन विभाग के दफ्तर में पैसा देकर कितनी भी खराब हालत के वाहन की फिटनेस आसानी से हो जाती है। फिटनेस करते समय परिवहन विभाग के अधिकारी कितनी ईमानदारी से काम करते है उसका छोटा सा उदाहरण हालही में उत्तराखंड विजलेंस ने कोटद्वार में भी दिखाया था। GMOU की कई बसों में सीट बढ़ाकर मोटी कमाई करने के लिए लेग स्पेस कम करके सीट बढ़ा दी जाती है जिस कारण यात्री आरामदायक स्थिति में भी सफर नही कर पाते। आज GMOU का सफर सिर्फ मजबूरी का सफर बनता जा रहा है। एक के बाद एक बसों की लाइन लगाने वाले गाड़ी मालिकों ने कभी लग्जरी और डीलक्स बसें नहीं शुरू की। क्योंकि उसमे पहाड़ के सीधे साधे और गरीब लोग सफर नही करेंगे, जो गाड़ियों के मानकों की जानकारी ही नहीं रखते, जिन्हे नही पता होता की अपनी जेब भरने के लिए किस तरह हमारी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आज भी इतने गाड़ी मालिक होने के बाद भी कोटद्वार में एसी बस, डीलक्स बस बाहर से बुक करानी पड़ती है क्योंकि यात्रियों की जान जोखिम में डालकर जो कमाई GMOU की कुछ बसों से होती है वो अन्य बसों में कहा हो पाएगी। यही नहीं परिवहन विभाग द्वारा आरटीआई में मिली सूचना के बाद अब सिर्फ चेचिस नंबर पर आई बसों की बॉडी मेकिंग और बसों में लगे सामान का वो खुलासा भी होने वाला है जिसका अंदाजा यात्रियों की जान जोखिम में डालने वाले गाड़ी मालिकों को भी नही होगा। लेकिन परिवहन विभाग के एक अधिकारी और जीएमओयू के कुछ गाड़ी मालिकों की मिलीभगत से यात्रियों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है।