कोटद्वार में शराब की ओवर रेटिंग को लेकर शिकायत मिलने और प्रमाण देने के बाद भी आबकारी विभाग कार्यवाही करने को तैयार नहीं। कुछ दिन पहले खुद SDM सोहन सिंह सैनी ने निरीक्षण के दौरान शराब की ओवर रेटिंग की शिकायत सही पाई और कार्यवाही भी की। लेकिन हैरानी की बात है की आबकारी विभाग को कार्यवाही के समय ओवर रेटिंग नही मिलती। हालही में सुधांशु नाम के एक ग्राहक ने सीएम पोर्टल पर शराब की ओवर रेटिंग की शिकायत की थी, जिस पर आबकारी अधिकारी ने शिकायतकर्ता को संपर्क किए बिना ही रिपोर्ट बनाकर भेज दी की मुझ आबकारी अधिकारी द्वारा मौके पर जाकर देखा गया तो सेल्समैन ने ओवर रेटिंग न होने की बात कही और इस तरह शिकायत को समाप्त कर दिया गया। जबकि आबकारी अधिकारी को शिकायतकर्ता को साथ ले जाकर सभी सेल्समेनों में से ओवर रेटिंग करने वाले की पहचान करानी चाहिए थी, जिससे पूरा मामला साफ हो सके। वही आज फिर नितिन नाम के एक ग्राहक द्वारा शराब की ओवर रेटिंग को लेकर आबकारी विभाग में लिखित शिकायत की है जिसमें बताया की स्टेशन रोड स्थित वाइनशॉप में ओवर रेटिंग की जा रही है साथ ही बताया की वाइनशॉप के बाहर आबकारी विभाग का नंबर नही लिखा था और जिस बीयर की खरीद पर ओवर रेटिंग हुई है वाइनशॉप की रेटलिस्ट में उसका ब्रांड का नाम और मूल्य भी नहीं था। यही नहीं सूत्रों के अनुसार कोटद्वार मोटर नगर और स्टेशन रोड के वाइनशॉप में भाजपा और कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता भी सेल्समैन है जिस कारण दोनो ही पार्टी के कार्यकर्ता कभी भी शराब की ओवर रेटिंग के खिलाफ कार्यवाही की मांग नही करते। शराब व्यापारियों के संरक्षक बने नेताओ की सच्चाई यही पता चल जाती है की गढ़वाल के प्रवेश द्वार पर कौडिया में खुले नए शराब के ठेके का उन लोगों ने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया जो हालही में किशनपुरी, जशोधरपुर में शराब का ठेका शिफ्ट होने का विरोध करते हुए खुद की राजनीति चमका रहे है। वही सूचना का अधिकार में स्टेशन रोड और मोटर नगर वाइनशॉप के सेल्समेनों की लिस्ट मांगने पर सिर्फ 4 नाम स्टेशन रोड वाइनशॉप के सेल्समेनों के बताए गए जबकि स्टेशन रोड वाइनशॉप में करीब 10 सेल्समैन काम करते है लेकिन उनके नाम और रजिस्ट्रेशन इसलिए नहीं बताए गए क्योंकि उनके नाम सामने आए तो कोटद्वार के कई नेताओं के चेहरे बेनकाब हो जायेंगे। साथ ही मोटर नगर वाइनशॉप में एक भी सेल्समैन का नाम नहीं बताया जबकि बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी सेल्समैन वाइनशॉप में काम नहीं कर सकता। फिलहाल कोटद्वार में शराब व्यापारियों के लिए बनाए गए नियम कानून सिर्फ कागजों में दिखते है धरातल पर वही होता है जो शराब व्यापारी चाहते है।
कोटद्वार में आबकारी विभाग की मिलीभगत के चलते शराब की ओवर रेटिंग जारी, प्रमाण मिलने के बाद भी कार्यवाही को तैयार नहीं। भाजपा कांग्रेस के नेता भी है सेल्समैन, दोनो पार्टी नही करती विरोध
