कोटद्वार थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने का प्रार्थनापत्र ही हो जाता है गुम, फिर काटते रहो चक्कर। इसीलिए मित्र पुलिस कही जाती है चालान पुलिस

चालान पुलिस के नाम से प्रसिद्ध कोटद्वार कोतवाली पुलिस एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। दरअसल कुछ दिन पहले गाड़ीघाट निवासी एक महिला अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची, तो कोतवाली कार्यालय में तैनात न तो किसी पुलिसकर्मी ने महिला की पूरी बात सुनी न ही उसे समझाया। जिसके बाद परेशान होकर महिला वापस चली गई। अगले दिन महिला अपने परिचित के साथ फिर पति की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंची तो प्रार्थना पत्र के साथ 4 पासपोर्ट साइज फोटो और एक पासपोर्ट साइज फोटो भी दिया गया और उसे फिर कह दिया गया की बाद में आकर गुमशुदगी की रिपोर्ट ले जाना। महिला अगले दिन फिर कोतवाली पहुंची तो मुंशी पुलिसकर्मी ने कहा की तुम्हारा प्रार्थना पत्र और सारे फोटो कही गुम हो गए है अब दुबारा से लेकर आओ। अब सोचिए एक महिला जो पहले से परेशान है उसको मदद करने की जगह पुलिस उसे और ज्यादा परेशान करेगी तो पुलिस के प्रति समाज में क्या छवि बनेगी। और उस प्रार्थना पत्र के गुम होने का सीधा सा कारण था की जिन बड़े अपराधिक मामलों का प्रार्थना पत्र थाने आता है उनमें मुंशी को कुछ मिलने की उम्मीद होती है जिस कारण पूरा ध्यान केवल उन्हीं प्रार्थना पत्र पर होता है बाकी तो न जाने रोज कितने ही मामले ऐसे ही होते होंगे जो गुम हो जाते होंगे। थाने के मुंशी की हालत ये है की खुद अपने ही विभाग के कर्मचारी उसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कर चुके है पर लंबे समय से कुर्सी पर जमा मुंशी ऐसा माइंडवॉश करता है की उसकी हर बात पत्थर की लकीर बन जाती है और अधिकारी वही करते है जो मुंशी कहता है।

इस घटना के बाद से पीड़ित महिला का मित्र पुलिस पर से विश्वास उठने के साथ ही ये भी देखा गया की कोटद्वार पुलिस केवल पैसे वालों की सुनवाई करती है या जहा समझौते में या धाराएं बढ़ाने घटाने में कुछ मिल रहा हो उन मामलों पर ही ज्यादा ध्यान होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *