कोटद्वार भाजपा जिलाध्यक्ष विरेंद्र रावत ने CM से मिलकर कोटद्वार की समस्याओं से अवगत कराया, निकाय चुनाव से पूर्व संभावित प्रत्याशियों को दिखने लगी कोटद्वार की समस्याएं
कोटद्वार में नगर निगम चुनाव से पूर्व मेयर पद के संभावित दावेदारों ने अब जनता का दिल जीतने के प्रयास शुरू कर दिए है। एक तरफ ज्यादातर संभावित प्रत्याशी पिछले कुछ समय से कोटद्वार के विभिन्न कार्यक्रमों के मंच पर विधायक, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के कार्यों को न गिनाकर केवल अपने मुंह से अपनी तारीफ करने में और अपने कार्य गिनाने में लगे है। वही मेयर पद के एक चर्चित संभावित प्रत्याशी विरेंद्र रावत विक्की भी नगर निगम चुनाव को देखते हुए अब मुख्यमंत्री धामी से मिलकर कोटद्वार की समस्याओं से जुड़ा पत्र देकर आए है, और उनके अपने ग्रुप के लोग अप्रत्यक्ष रूप से ये बताने पर तुल गए है की भाई साहब शहर के लिए बहुत सोचते है, समय आने पर आप भी जिलाध्यक्ष विरेंद्र रावत भाई साहब के लिए जरूर सोचना।
आपको बता दें कि विधानसभा कोटद्वार की समस्याओं को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुलाकात की। जिसमे जिलाध्यक्ष ने कहा की कोटद्वार विधानसभा गढ़वाल के द्वार के रूप में जानी जाती है, शहर से प्रतिदिन सैकड़ों देश विदेश के पर्यटक गुजरते है, और एक स्वच्छ एवम सुरक्षित शहर का अच्छा संदेश भी पूरे देश में जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए सभी मामलों में त्वरित कार्यवायी करने का निर्देश दिया है।
विरेंद्र रावत द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष रखी मुख्य मांगे इस प्रकार है।
1. कोटद्वार भाबर में युवाओं के लिए इंडोर स्टेडियम बने।
2. मालन नदी पुल से उपर की ओर नंदपुर कोटला गांव की सुरक्षा के लिए बाड़ सुरक्षा दीवार/फ्लड बैंक रोड/मरीन ड्राइव की तर्ज पर यातायात हैतु रोड बने।
3. सुखरो नदी पर सिमलचौड , ध्रुवपुर गांव की सुरक्षा के लिए बाड सुरक्षा दीवार/फ्लड बैंकरोड/ मरीन ड्राइव की तर्ज पर यातायात हैतू रोड बने।
4. कोटद्वार में हो रहे जल भराव का दीर्घकालिक नियोजन।
5. कोटद्वार दुगड्डा एन एच 534 का सुधारीकरण जिससे की आम जन मानस को आवाजाही की सुविधा मिले।
बताते चले कि इससे पूर्व में भी जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र रावत द्वारा छेत्रिय समस्यायों को लेकर प्रदेश सरकार के समक्ष रखने का कार्य किया है लेकिन वो बात अलग है की सिर्फ पत्र देने और फोटो खिंचाने के बाद दुबारा इस मामले के कोई जिक्र न होने के कारण कोई काम नही हो पाया, लेकिन अब चुनाव से पूर्व फिर एक बार कोटद्वार की समस्याएं याद आई है और पत्र दिया गया है।