उत्तराखंड में 4 नवंबर को आ रहे है धीरेंद्र शास्त्री, राजधानी देहरादून में लगेगा बागेश्वर सरकार का दरबार,,,,,,
उत्तराखंड में 4 नवंबर को आ रहे है धीरेंद्र शास्त्री, राजधानी देहरादून में लगेगा बागेश्वर सरकार का दरबार,,,,,,
देहरादून: अक्सर अपने बयानों और चमत्कार को लेकर चर्चाओं में रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उत्तराखंड आ रहे हैं. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 4 नवंबर को देहरादून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में दरबार लगाएंगे. हालांकि, यह एक दिवसीय दिव्य दरबार होगा, जिसमें उत्तराखंड के करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
देहरादून में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार लगाने की सूचना मिलने के बाद ही खुफिया विभाग भी अलर्ट हो गया है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं. चर्चाएं इस बात की भी है कि लोगों की समस्याओं को पहले ही बाबा पर्चे पर लिख देते हैं. हैरानी की बात है कि पर्चे पर लिखी बात शत-प्रतिशत सत्य होती है. यही वजह है कि कुछ ही सालों में बागेश्वर सरकार ने एक बड़ी प्रसिद्धि हासिल कर ली है. इसीलिए बागेश्वर धाम में ही नहीं, बल्कि देश के जिस भी कोने में बागेश्वर सरकार का दरबार लगता है, उस दरबार में लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
इस साल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह तीसरा उत्तराखंड दौरा होगा. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 27 जनवरी 2023 को उत्तराखंड दौरे पर आए थे. उस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा था कि उत्तराखंड के संत समाज को बागेश्वर धाम में होने वाले आयोजन के लिए आमंत्रण देने आए हैं. हालांकि, इस दौरे के दौरान आचार्य बालकृष्ण भी उनके साथ मौजूद थे. इसके बाद इसी साल 4 जून को धीरेंद्र शास्त्री उत्तराखंड पहुंचे थे. हालांकि, वो इस दौरे के दौरान बदरीविशाल के दर्शन करने आए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के देहरादून स्थित महाराणा स्पोर्ट्स स्टेडियम में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार लगने जा रहा है. हालांकि, यह कार्यक्रम श्री पशुपतिनाथ मंदिर भारत चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है।
संभावना जताई जा रही है कि बाबा को सुनने और चमत्कार देखने के लिए लाखों लोग आ सकते हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन के लिए व्यवस्थाओं को मुकम्मल करना एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि दिल्ली में बागेश्वर सरकार के दरबार के दौरान व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे।