कोटद्वार में दहेज उत्पीड़न को लेकर पति, सास, देवर और देवरानी पर मुकदमा दर्ज
कोटद्वार में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक महिला के पति सहित ससुराल के चार लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के आरोप में नामजद मुकदमा दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार हिमांशी पत्नी धीरेंद्र सिंह भंडारी निवासी रतनपुर कुंभीचौड़ ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने कहा कि उसका विवाह 5 अक्टूबर 2014 को रतनपुर निवासी धीरेंद्र सिंह भंडारी के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ। उसका तीन साल का एक पुत्र भी है। कहा कि विवाह के कुछ समय बाद से ही उसका पति, सास, देवर और देवरानी मायके से कम दहेज लाने पर बार-बार ताने मारने लगे। कहते थे कि उनके छोटे बेटे के ससुराल वालों ने तो उन्हें बहुत सारा दहेज दिया है। पति के नौकरी पर जाने के बाद ससुराली अक्सर उसके साथ मारपीट करते और उसे ठीक से खाने के लिए भी नहीं देते थे। साथ ही कहते थे कि जब तक वह पांच लाख रुपये दहेज नहीं लाएगी, उसे इसी तरह प्रताड़ित करते रहेंगे। कहा कि उसके माता पिता के बार-बार आग्रह करने के बाद भी उसके ससुरालियों ने उसके साथ मारपीट और गाली गलौज करनी बंद नहीं की। जिसके बाद बीते 15 जनवरी, 2024 को ससुर की तेरहवीं के दिन सभी रिश्तेदारों की मौजूदगी में चारों ने उसे पीटा। इसके बाद उसे और उसके बेटे को घर से निकाल दिया। उसने 16 जनवरी को पुलिस से मौखिक शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 27 जनवरी को इस मामले में सीओ कोटद्वार को लिखित तहरीर दी । इसके बाद पुलिस ने उसे दो बार थाने बुलाया और दोनों बार शपथपत्र देने के लिए कहा। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उसका मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया। 30 जनवरी को उसे एसएसपी पौड़ी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र प्रेषित किया, लेकिन तीन माह गुजर जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उसे अदालत की शरण में जाना पड़ा। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस महिला के पति धीरेंद्र सिंह ने कंडारी, सास भागीरथी, देवर शुभम भंडारी और देवरानी मीनाक्षी के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।